Drivers strike update:हड़ताल के दौरान सरकार के झुक जाने पर अब वाहन चालकों ने सरकार (government)के सामने दूसरी मांग को रख दिया है आईए जानते हैं नीचे खबर में क्या है पूरी वारदात
वाहन चालकों और सरकार मैं माहौल नरम | driver vs govt
वाहन चालक और ड्राइवर संगठन ( driver association) की इस तीन दिवसीय विशाल आंदोलन (drivers strike) के बाद सरकार ने हर छोटे-बड़े स्तर पर आपातकाल बैठकों का आयोजन किया और किसान संगठन के साथ मुख्यमंत्री की लंबी बातचीत के बाद सरकार ने धारा 304/2 (hit and run) हिट एंड रन कानून को तत्काल प्रभाव से अभी के लिए रद्द कर दिया है। लेकिन वाहन चालकों में अभी भी पूरी तरह आराम का माहौल नहीं है वाहन चालकों के एक तबके ने सरकार के सामने एक नहीं मांग को सामने रखा है जिसके बारे में हम नीचे जानेंगे
क्या हे ड्राइवरों की दूसरी मांग | drivers strike new update
प्रशासन की ओर से वाहन चालकों के हित में फैसला आने के बाद वाहन चालकों की तरफ से एक नया बयान सुनने को मिला है जिसमें वाहन चालकों का कहना है कि सरकार को वाहन चालकों की सुरक्षा में एक नए नियम का गठन करना चाहिए जिसमें दुर्घटना होने पर पब्लिक को ड्राइवर के साथ मारपीट करने अधिकार नहीं दिया जाए और ड्राइवर और उसके साथीगण के साथ मारपीट करने पर जनता को उच्च कार्रवाई के साथ सजा सुनाई जाए, जिससे दुर्घटना के बाद वाहन चालक दुर्घटना स्थल को छोड़कर नहीं जायेंगे और दुर्घटना ग्रसित मरीज के जीवित रहने की संभावना और भी बढ़ जाएगी। हालांकि अंत में उन्होंने कहा कोई भी वाहन चालक अपनी मर्जी से दुर्घटना नहीं करता।
सरकार को किसका डर | drivers strike fear
हाल ही में 22 जनवरी को हिंदुओं के गौरव विशाल भव्य राम मंदिर( ram mandir) का उद्घाटन होने जा रहा है और जिसके 4 दिनों बाद 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस ( republic day) का आयोजन होने वाला है इस बीच दुनिया की नज़रे भारत पर रहने वाली है और अगर ऐसे त्योहारों पर भारत में वाहन चालक जिनकी संख्या भारत में कुल 80 लाख से भी अधिक है अगर इतनी तादाद में लोग भारत (india) में हड़ताल करेंगे तो इससे दुनिया भर में भारतवर्ष की बदनामी होना तय है। इसलिए भी सरकार ने आने वाले कुछ महीनो के लिए इस कानून को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
ड्राइवरों को जनता से भिड़ाने की साजिश | drivers strike update on fight
कुछ मुख्य क्षेत्र जैसे हरियाणा, दिल्ली, महाराष्ट्र, और उत्तर प्रदेश में जहां पर आंदोलन जोरो शोरो से अपने उग्र रूप में सामने आया है वहां पर वाहन चालकों की वजह से आम जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। वहीं पर कुछ समाचार पत्र और न्यूज़ चैनलों पर वाहन चालकों को आम जनता से भिड़ाने की कोशिश की गई और कहा गया कि वाहन चालकों की लड़ाई में आम जनता को काफी नुकसान हो रहा है। और वाहन चालकों के द्वारा शराब पीकर वाहन चलाने पर होने दुर्घटना से दुर्घटना ग्राषित आदमी आम जनता का ही एक हिस्सा है। इस पर आपकी क्या राय है नीचे कमेंट कर बताएं।
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कितना प्रभाव पड़ा आंदोलन का | drivers strike effect
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि भारत में कुल 80 लाख से भी ज्यादा बस और ट्रक ड्राइवरों की संख्या है। और जब सरकार ने धारा 104/2( hit and run ) हिट एंड रन कानून की घोषणा की तो लगभग 20 लाख से भी ज्यादा सक्रिय वाहन चालकों ने सरकार के खिलाफ इस आंदोलन की शुरुआत की थी जिसमें आगे जाकर और भी वाहन चालक शामिल हुए और इसे एक विशाल आंदोलन का रूप दिया। इस आंदोलन से वाहन चालकों की जीवन के साथ-साथ सब्जी मंडियों और धान मंडियों के मजदूर की कमाई पर भी काफी ज्यादा असर पड़ा है और आम जनता को भी खाद्य सामग्री जैसे दूध, ब्रेड के साथ साथ रोजमर्गा की जीवन में काम आने वाली चीजों से लेकर पेट्रोल तक की किल्लत को झेलना पड़ा है।
खबर को पड़ने के लिए धन्यवाद
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