Drivers strike in India letest update: इस खबर में हम वाहन चालकों की आंदोलन से लेकर इसकी शुरुआत, नुकसान और dm कलेक्टर द्वारा ड्राइवर को बोले गए अपशब्दों के बारे में पूरी जानकारी देंगे। खबर को पूरा पढ़ें।
कलेक्टर:- औकात क्या है तुम्हारी ( पूरी वारदात ) drivers strike conflict
दरअसल ड्राइवर संगठन के द्वारा चल रहे इस driver strike में तीन दिवसीय वाहन चालक आंदोलन जो की हिट एंड रन ( hit and run )कानून के खिलाफ है। मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले में इस आंदोलन ने एक उग्र रूप ले लिया था जिससे परेशान कलेक्टर से लेकर मध्य प्रदेश के उच्च अधिकारियों ने ड्राइवर संगठन के साथ एक तत्काल मीटिंग की योजना बनाई। मीटिंग में बोलचाल के दौरान थोड़ी उच नीच होने पर एक ड्राइवर खड़ा हुआ और अपनी बात को रखने लगा तभी डीएम कलेक्टर ने उसे ज़ोर से धमकाया और कहा औकात क्या है तुम्हारी इस पर जब ड्राइवर ने माफी मांगना चाहि तो कलेक्टर के आदेश अनुसार उसके सुरक्षाकर्मियों ने उसे जबरदस्ती नीचे बैठाया। इसके बाद ड्राइवर संगठन के साथ-साथ वाहन चालकों में आक्रोश का माहौल बना और कार्यालय के बाहर आकर संगठन और वाहन चालकों द्वारा डीएम कलेक्टर (kishor Kalyan) किशोर कल्याण के विरोध में नारेबाजी कर विरोध जताया गया।
ड्राइवर संगठन ने क्या कहा: drivers association word
इस पूरी घटना के बाद जब DM कलेक्टर ने वाहन चालकों से उनकी औकात पूछी तो कार्यालय के बाहर माहौल और तेजी से नारेबाजी और मुर्दाबाद के नारों की चपेट में आ गया तभी ड्राइवर संगठन (drivers association) ने मीडिया के सामने आकर लोगों को आश्वासन दिलाया कि इस आंदोलन में आम जनता का किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं किया जाएगा।रोजमर्रा की चीजे जैसे दूध, पेट्रोल, गेहूं, तेल से लेकर राशन से जुड़ी सभी प्रकार की चीजे की आवा जावी को इस आंदोलन के द्वारा नहीं रोका जाएगा। यह लड़ाई सरकार के विरोध में वाहन चालकों की है इसमें आम जनता को किसी प्रकार का नुकसान नहीं जेलना पड़ेगा।
कहा कहा उग्र हुआ आंदोलन:- drivers strike effect
जब पन्ना में राष्ट्रीय राजमार्ग 39 को बंद करने के बाद दिल्ली हरियाणा से उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में भी राष्ट्रीय राजमार्गों को बंद करने की कोशिश की गई तो कहीं जगह पुलिस ने उन पर अलग-अलग तरीकों से उन्हें रोकने की कोशिश की गई हालांकि वाहन चालकों ने हर नहीं मानी लेकिन पुलिस द्वारा जबरदस्ती करने पर कहीं जगह इस आंदोलन ने पुलिस बना एम वाहन चालक की लड़ाई का रूप ले लिया हालांकि अब सरकार के निर्देशानुसार वाहन चालकों पर किसी प्रकार की जबरदस्ती करने के लिए पुलिस कर्मियों को रोक दिया गया है लेकिन इससे आम जनता को हो रहे नुकसान जैसे पेट्रोल की कमी और दूध के साथ-साथ खाद्य पदार्थ के आदान प्रदान में भी भारी दिक्कत आ रही है इसे लेकर ड्राइवर संगठन ने वाहन चालकों को रोजमर्गा की जीवन में काम आने वाली चीजे की रोकथाम न करने का निर्देश दिया है इसके बाद आम जनता में आराम का माहौल है।
इससे आपको क्या नुकसान होगा:-जानिए effects of drivers strike on public
धारा 304/2 कै इस कानून ( hit and run) हिट एंड रन के कानून के खिलाफ यह लड़ाई सरकार बनाम वाहन चालकों की है लेकिन इसमें आम जनता का भी काफी हद तक नुकसान है जिसमें मुख्यतः सब्जी मंडियों से लेकर दिहाड़ी मजदूर के जीवन में काफी दिक्कतें आई है। परिवहन बंद होने की वजह से सब्जी मंदिरों में सब्जियों की आवक काफी कम हो चुकी है और मजदूरों को भी उनकी मजदूरी के लिए किसी प्रकार का साधन उपलब्ध नहीं है इससे उनकी कमाई पर काफी ज्यादा असर पड़ेगा और आम जनता को भी पेट्रोल की कमी, दूध की किल्लत से लेकर राशन के सामानों में काफी ज्यादा गिरावट देखने को मिलेगी। जिससे वाहन चालकों के साथ-साथ मजदूर और आम जनता को बीच की कीमत चुकानी पड़ेगी।
किस बदलाव से नाराज है ड्राइवर: why drivers do strike against IPC 104/2 low change
जब शीतकालीन क्षेत्र के दौरान कानून के नियमों में संशोधन करते समय धारा 304/2 hit and run हिट एंड रन कानून में बदलाव किया गया कि अगर बस और ट्रक ड्राइवर की लापरवाही से किला पुरवाई से किसी प्रकार की गैर इरादतन दुर्घटना जो की हत्या की श्रेणी में आती हो इसके पश्चात अगर वाहन चालक बिना किसी पुलिस या जिला न्यायाधीश को सूचना दिए बिना फरार होता है तो उसे 10 साल की सजा और 7 लाख रुपए तक का जुर्माना देना पड़ेगा।
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