Drivers strike letest update: अगर आप भी एक भारतीय नागरिक है और आपके पास मोटरसाइकिल या कार है तो इस नियम के बारे में जानना आपके लिए भी उतना ही जरूरी है जितना ट्रक और बस ड्राइवर को जानना जरूरी है।
Hit and run धारा 304/2 को समझिए
भारतीय दंड संहिता IPC 304/2 के तहत ( hit and run ) कानून के के अंतर्गत दुर्घटना होने पर मामले की गंभीरता के मुताबिक अलग-अलग धाराओं के हिसाब से सजा का प्रावधान रखा गया है जिसमें मुख्य धारा भारतीय दंड संहिता के मुताबिक 289, 304 और 338 है नीचे इन तीनों को विस्तार से समझाइए
IPC धारा 279
IPC धारा 299 के मुताबिक अगर आप किसी सार्वजनिक स्थल पर तेजी से वाहन चलाते हो तो आपको 6 महीने की सजा से लेकर ₹1000 तक का जुर्माना सजा के रूप में भुगतना पड़ सकता है।
IPC धारा 338
IPC धारा 338 के मुताबिक आपकी लापरवाही के कारण दुर्घटना होने पर किसी व्यक्ति को जानलेवा चोट पहुंच जाती है तो आपको 2 साल की सजा या जुर्माना या इन दोनों को एक साथ भुगतना पड़ सकता है।
IPC धारा 304
IPC धारा 304 के पुराने कानून के मुताबिक अगर आप की लापरवाही के दुर्घटना से किसी व्यक्ति की जान चली जाती है तो पहले आपको 2 साल की सजा और खुशी महीना में जमानत मिल जाती थी लेकिन जिस कानून को सरकार ने प्रावधान के साथ बदला है उसका मैं तबीयत आपको दुर्घटना के बाद व्यक्ति की जान जाने पर वहां से भाग जाने के बाद 10 साल की सजा और सात लाख का जुर्माना देना पड़ सकता है।
ड्राइवर को किसका डर। Drivers strike
Drivers strike letest update:हालांकि वाहन चालक पूर्णतः इस कानून के खिलाफ नहीं है लेकिन वाहन चालकों का कहना है कि दुर्घटना के बाद अगर ड्राइवर वहां से नहीं भागते है तो गुस्साई जनता उन्हें पीट-पीटकर जान से मार डालती है।
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नियम के किस बदलाव से नाराज ड्राइवर। Drivers strike letest update
पुराने नियम के मुताबिक दुर्घटना होने पर वाहन चालक को 2 साल की सजा और कुछ महीनो में जमानत मिल जाया करती थी लेकिन नए कानून के आने के बाद ड्राइवर के रुकने पर उसे पब्लिक पीठ पीटकर मार डालेगी और भागने पर सरकार को ₹700000 का जुर्माना और 10 साल की सजा काटनी पड़ेगी बस यही बात वाहन चालकों की नाराजगी की वजह बनी हुई है।
ड्राइवरों की जान को खतरा
Drivers strike letest update:वाहन चालकों का कहना है कि इस नियम के दर से अगर चालक दुर्घटना के बाद दुर्घटना स्थल से नहीं भागेगा तो 50% संभावना है कि गुस्साई जनता उसे पीट-पीट कर मार डालेगी।
ड्राइवरों के विचारों में मतभेद
Modi vs drivers: एक तरफ वाहन चालक इस नियम के सख्त विरोध में खड़े हैं तो कुछ वाहन चालकों का कहना है कि सरकार को एक नए नियम का गठन करना चाहिए जिसमें जनता के द्वारा ड्राइवर पर हाथ उठाने पर जनता के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ऐसा करने के बाद वाहन चालक के दुर्घटना स्थल से भागने की संभावना है कम होगी।
सरकार की क्या गलती। Govt vs drivers
Amit shah on drivers strike:मोटे तौर पर सरकार का कहना है कि दुर्घटना के बाद अगर वाहन चालक दुर्घटना स्थल से नहीं भागते है तो दुर्घटना से गंभीर व्यक्ति की जान बचने की संभावनाएं बढ़ जाती है।
नियम से कितनी जान बचेगी
इसे समझने के लिए हम पिछले कुछ आंकड़ों का इस्तेमाल करेंगे साल 2020 में लापरवाही की वजह से कल 52448 दुर्घटनाएं हुई थी जिसमें कल 230159 लोगों की जान चली गई थी और पिछले साल 2023 में लापरवाही के कारण कल 57415 दुर्घटनाएं हुई थी जिसमें 25938 जान चली गई थी। सरकार का कहना है कि नियम के लागू होने के बाद इन आंकड़ों में कमी दिखाई देगी।
मोदी को होगा नुकसान। Modi
जानकारी के लिए बता दे कि वाहन चालकों की संख्या भारत में 80 लाख से भी ज्यादा है और आने वाले प्रधानमंत्री चुनाव के पहले अगर वाहन चालकों की नाराजगी को दूर नहीं किया गया तो नरेंद्र मोदी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
आम जनता किसकी तरफ
लोगों ने इस आंदोलन को ड्राइवर बनाम सरकार समझा है लेकिन वह लोग नहीं जानते कि अगर आप मोटरसाइकिल और कर चलाते हो तो यह नियम आपके लिए भी उतना ही जरूरी है जितना बस और ट्रक ड्राइवर के लिए है। इस चीज पर आपकी क्या राय है कमेंट करके बताइए।
खबर पड़ने के लिए धन्यवाद 👍👍
जानिए अगर जनता ड्राइवर को मारती हे तो क्या होगा 👇👇👇👇👇👇
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